सरकार का एलान : तत्काल तीन तलाक विधेयक होगा पारित
18 जुलाई से 10 अगस्त तक मानसून सत्र
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : सरकार ने मानसून सत्र में तत्काल तीन तलाक पर पाबंदी संबंधी विधेयक को पारित कराने का एलान किया है। इससे सत्र के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी गरमागरमी होना लगभग तय हो गया है। मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और 10 अगस्त तक चलेगा। इसमें राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग को संवैधानिक दर्जा देने और ट्रांसजेंडर के अधिकारों से संबंधित विधेयक को भी सरकार ने अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। सत्र के दौरान राज्यसभा के नए उपसभापति के चुनाव में भी सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त सियासी पेशबंदी होनी तय है। संसद के मानसून सत्र की तारीख सोमवार को कैबिनेट की संसदीय मामलों की समिति की बैठक में तय हुई। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने तत्काल तीन तलाक, ट्रांसजेंडर और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से जुड़े विधेयक पर सरकार की गंभीरता को व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष सत्र के दौरान इन अहम विधेयकों को पारित कराने में सहयोग करेगा। मालूम हो कि तत्काल तीन तलाक विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है और राज्यसभा में लंबित है। विपक्ष इस विधेयक में संशोधन पर अड़ा है, जबकि सरकार लोकसभा से पारित विधेयक में किसी तरह के बदलाव के लिए तैयार नहीं है।1इसके अलावा मेडिकल शिक्षा से जुड़े विधेयक और आधा दर्जन अध्यादेशों की जगह विधेयक भी सत्र में पारित कराए जाएंगे। मानसून सत्र के दौरान 18 बैठकें होंगी। इस दौरान साल के अंत में तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों तथा अगले लोकसभा चुनाव को देखते हुए सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने-अपने सियासी हथियारों को चमकाने से नहीं चूकेंगे।1संसदीय कार्य मंत्री के विपक्ष से सहयोग मांगने पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने जवाबी सवाल दागकर प्रतिपक्ष के इरादों को जाहिर कर दिया। उनका कहना था, उम्मीद है कि राजग सरकार मानसून सत्र में ‘कायर की तरह पीठ दिखाकर नहीं भागेगी’। साथ ही, विपक्ष के माध्यम से सरकार देश की बात भी सुनेगी। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार इन बातों पर गौर करेगी तो विपक्ष भी सहयोग करने के लिए तैयार है।’>>विधेयक पर पक्ष-विपक्ष में सियासी गरमागरमी होना तय1’>>ओबीसी आयोग, ट्रांसजेंडर और मेडिकल शिक्षा विधेयक भी एजेंडे मेंमानसून सत्र के आसार1 संपादकीय