चचेरी बहन से दुष्कर्म के आरोप में 7 साल से था जेल में; सुप्रीम कोर्ट ने किया बरी
कोर्ट ने कहा- पत्नी, बच्चे, बहन और मां के घर में ही मौजूद रहने के दौरान दुष्कर्म होना असंभव सा है
एजेंसी|नई दिल्ली
15 साल की चचेरी बहन से दुष्कर्म के आरोप में 10 साल जेल की सजा भुगत रहे एक शख्स को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अपराध स्थापित नहीं हुआ है। बरी हुआ श्याम सिंह सात साल से जेल में था। मामला 2001 में हरियाणा के फरीदाबाद में दर्ज हुआ था। पीड़िता का आरोप था कि चचेरे भाइयों ने अपने घर में चारपाई से बांधकर उसके साथ दुष्कर्म किया। ट्रायल कोर्ट ने 2011 में श्याम सिंह और उसके भाई जय सिंह को 10-10 साल जेल की सजा सुना दी। जय सिंह पहले ही 10 साल जेल में रहकर सजा की अवधि पूरी कर चुका था। श्याम ने सजा को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला बरकरार रखा। हालांकि, सबूतों के अभाव में उनकी मां को बरी कर दिया। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ श्याम सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जस्टिस एनवी रमना और एमएम शांतानागौदर की बेंच ने पाया कि बचाव पक्ष के दो गवाहों ने कहा था कि पंचायत ने दुष्कर्म के अपराध का हवाला नहीं दिया था। ट्रायल के दौरान उनके बयानों का खंडन भी नहीं आया। इसकी पूरी संभावना है कि दो परिवारों के बीच लंबे समय से जारी विवाद के कारण बदले की भावना से युवकों को झूठा फंसाया गया हो। कोर्ट ने पाया कि जब यह घटना हुई उस वक्त आरोपियों की पत्नी, बच्चे, बहन और मां घर में ही मौजूद थे। ऐसे हालात में दुष्कर्म होना असंभव सा है।