कार्ट ने कहा- यह रेयर आफ रेयरिस्ट नहीं बल्कि
रेयरेस्ट अआफ रेयर केस
भास्कर न्यूज | दुमका
छह साल की बच्ची की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या करने के
मामले में काेर्ट ने तीन दाेषियाें मिठू राय, पंकज माेहली अाैर अशाेक
राय काे फांसी की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र अपर न्यायाधीश ताैफीकुल हसन ने सजा
सुनाने से पहले कहा-बच्ची का नाम ताे नहीं बता सकते, इसलिए काल्पनिक नाम लिटिल एंजल रखा है। लिटिल एंजल के नाम से ही यह
केस जाना जाएगा। काेर्ट ने कहा कि यह अपराध रेयर अाॅफ द रेयरेस्ट नहीं है बल्कि यह
रेयरेस्ट अाॅफ द रेयरेस्ट अपराध की श्रेणी में अाता है। झारखंड में एेसा पहला
मामला है जब काेर्ट ने महज चार दिनाें में गवाही पूरी कर ली अाैर घटना के 28वें दिन फैसला सुना दिया।
काेर्ट ने इन तीनाें काे धारा 302 अाैर 376 डीबी के तहत फांसी की सजा
सुनाई। साथ ही 50-50
हजार रुपए का जुर्माना
लगाया। इसका अलावा साक्ष्य छुपाने की धारा 201, 34 (शव को दफनाने) में
सात-सात साल कैद की सजा सुनाई। पाॅक्साे एक्ट की धारा 6 के तहत तीनाें काे ताउम्र कैद की सजा
अाैर 25-25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
काेर्ट ने कहा कि अब इन तीनाे की डेड बाॅडी ही जेल से बाहर निकलेगी। इसके अलावा
धारा 376 के तहत 10 साल सश्रम कारावास अाैर 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।
काेर्ट मंगलवार काे निर्धारित समय से पहले ही खुल गई। सुबह 9 बजे जज काेर्ट में पहुंच गए। दाेपहर
एक बजे तीनाें काे दाेषी करार दे दिया। कहा- तीन बजे फैसला सुनाया जाएगा। दाेपहर
बाद 2:50 बजे तीनाें दाेषियाें काे फिर हाजत से
लाकर काेर्ट में पेश किया गया। उस समय बच्ची के माता-पिता अाैर अन्य रिश्तेदार भी
काेर्ट में माैजूद थे।
एेसे रेपिस्ट काे समाज
में घूमने नहीं देना चाहिए
काेर्ट ने माता-पिता से
पूछा-क्या सजा दी जाए, मां बाेली-माैत
सजा की बिंदुअाे पर बहस के दाैरान बचाव पक्ष के वकील राजेद्र
प्रसाद सिन्हा ने कहा कि सभी अभियुक्त कम उम्र के हैं। इनका काेई अापराधिक इतिहास
नहीं है। वहीं एपीपी रामकिंकर पांडेय ने इसे रेयर अाॅफ द रेयरेस्ट मामला बताया।
दाेनाें पक्षाें की दलील सुनने के बाद काेर्ट ने बच्ची के परिजनों काे विटनेस
बाॅक्स में बुलाया। पूछा-अापलाेग बताइए… क्या सजा दी जाए। बच्ची की मां बाेलीं-
एकरानी के फांसी दे दहो, इसनी जिंदा रहिके की करते।
5 फरवरी काे हुई थी हत्या, 7 फरवरी काे खेत में मिला शव
बच्ची काे ननिहाल से उसका एक जानकार मिठू राय पांच फरवरी की शाम
सरस्वती पूजा मेले दिखाने ले गया था। मेले में गाेलगप्पे खिलाने के बाद वह उसे खेत
में ले गया,
जहां अपने दाे साथियाें
के साथ मिलकर उससे दुष्कर्म किया और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद मिठू
राय मुंबई भाग गया था। पुलिस ने माेबाइल लाेकेशन के अाधार पर 11 फरवरी काे उसे थाने पुलिस की मदद से
कल्याण स्टेशन के पास गिरफ्तार किया।
अाैर पुलिस की सक्रियता
की तारीफ… काेर्ट ने एसपी वाईएस रमेश अाैर केस से जुड़े सभी अधिकारियाें काे
धन्यवाद दिया। उन्हाेंने कहा कि एसपी ने मामले काे गंभीरता से लेते हुए
अाराेपियाें काे तत्काल गिरफ्तार कर चार्जशीट किया। एपीपी के अलावा न्यायिक कर्मी
रवि अाैर राजेश ने भी सहयाेग किया।
एेसे 28 दिन में अाया फैसला
05 फरवरी : बच्ची की
दुष्कर्म के बाद हत्या हुई।
07 फरवरी : मिठू राय के
खिलाफ केस दर्ज,
उसी दिन शव मिला।
11 फरवरी : मुख्य अाराेपी
मिठू राय कल्याण से गिरफ्तार।
13 फरवरी : मिठू की
निशानदेही पर दाे अन्य अाराेपी अशाेक राय अाैर पंकज राय पाेड़ैयाहाट से गिरफ्तार।
27 फरवरी : काेर्ट ने अाराेप
गठन किया।
28 फरवरी : गवाही शुरू हुई
जाे लगातार चली। पहली बार रात मे भी काेर्ट बैठी।
28-29 फरवरी: 6 व 2-3 मार्च काे 16 गवाहाें के बयान दर्ज हुए।
03 मार्च : काेर्ट ने फांसी
की सजा सुनाई।
जज ने हाईकाेर्ट अाैर सुप्रीम काेर्ट के कामता तिवारी केस, अफार खान अाैर महाराष्ट्र के दशरथ
गाेराडे केस का हवाला देते हुए कहा एेसे रेपिस्ट काे फिर से समाज में घूमने नहीं
दिया जाना चाहिए। बचाव पक्ष के वकील से कहा-अाप अभियुक्ताें की कम उम्र की दुहाई
दे रहे हैं ताे अाप बताइए कि पीड़िता की उम्र नहीं देखी, जाे महज छह साल की थी।