CJI: रंजन गोगोई

Indian Law Supreme Court

न्यायपालिका के मुखिया के साथ क्या बदलेगी कार्यप्रणाली!

तीन अक्टूबर को जस्टिस रंजन गोगोई संभालेंगे भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद, जस्टिस दीपक मिश्र की कार्यशैली पर उठाए थे सवाल| अगले वर्ष 17 नवंबर, 2019 तक मुख्य न्यायाधीश रहेंगे.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र दो अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे

बदलेगा चेहरा

Click here to enlarge image

माला दीक्षित ’ नई दिल्ली.  न्यायपालिका की कमान नए मुखिया के हाथ में आने वाली है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज न्यायमूर्ति रंजन गोगोई तीन अक्टूबर से भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) का पद संभालेंगे। जस्टिस गोगोई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाली चार वरिष्ठ जजों की ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल थे। ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या नए चेहरे के साथ न्यायपालिका की कार्यप्रणाली भी बदलेगी। उत्सुकता इस बात को लेकर भी है कि मुख्य न्यायाधीश के कार्य आवंटन पर सवाल उठाने वाले न्यायाधीश जब स्वयं पद संभालेंगे तो न्यायपालिका की साख और उच्च मानदंड बनाए रखने के लिए कौन से तौर-तरीके और व्यवस्था अपनाएंगे। निश्चित तौर पर लोगों को आने वाले नए मुख्य न्यायाधीश से बड़ी अपेक्षाएं हैं।

इसी वर्ष 12 जनवरी को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में तत्कालीन वरिष्ठतम जज जे. चेलमेश्वर (अब सेवानिवृत्त), जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी. लोकुर व जस्टिस कुरियन जोसेफ ने हिस्सा लिया था। कोलेजियम में पांच सदस्य होते हैं। इसमें सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम जजों के अलावा मुख्य न्यायाधीश बतौर सदस्य शामिल होते हैं। यह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण का फैसला करती है। कोलेजियम पर निगाह डालें तो जस्टिस चेलमेश्वर जून में रिटायर हो गए थे। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र दो अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। दूसरे नंबर के वरिष्ठतम जज जस्टिस रंजन गोगोई उनकी जगह मुख्य न्यायाधीश बनेंगे।

जस्टिस कुरियन जोसेफ 29 नवंबर और जस्टिस मदन बी लोकुर 30 दिसंबर को रिटायर हो जाएंगे। यानी दिसंबर तक सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की शक्ल बदल जाएगी। जस्टिस गोगोई अगले वर्ष 17 नवंबर, 2019 तक मुख्य न्यायाधीश रहेंगे। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के ही चार न्यायाधीश रिटायर होंगे। पहले ही सुप्रीम कोर्ट मे छह पद खाली हैं, चार और मिलकर कुल दस रिक्तियां हो जाएंगी, जिन्हें भरने की प्रक्रिया जस्टिस गोगोई के कार्यकाल में ही होगी। इसके अलावा हाई कोर्ट में 427 पद रिक्त हैं। उन्हें भी भरा जाएगा। न्यायाधीशों की नियुक्तियों को लेकर पिछले दिनों काफी विवाद उठे थे। भर्तियों में सरकार की दखलंदाजी का आरोप लगाते हुए कोलेजियम के सदस्यों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भी लिखे थे। ऐसे में सभी के बीच संतुलन और सामंजस्य बनाते हुए रिक्तियां भरना किसी भी मुख्य न्यायाधीश के लिए चुनौतीपूर्ण काम होता है और यह चुनौती जस्टिस गोगोई के सामने भी होगी।

कार्य आवंटन पर निगाह डालें तो यह तय व्यवस्था है कि मुख्य न्यायाधीश ही मास्टर ऑफ रोस्टर होता है। वही तय करता है कि कौन सा केस किस पीठ में सुनवाई के लिए लगेगा। गत जनवरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस मे जस्टिस मिश्र के कार्य आवंटन पर सवाल उठाए गए थे। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चारों न्यायाधीशों की ओर से जारी किए गए पत्र में मुख्य न्यायाधीश पर महत्वपूर्ण मामलों को अपने पसंदीदा पीठों को दिए जाने का आरोप लगाया गया था। कार्य आवंटन के विवाद के बाद जस्टिस मिश्र ने न्यायाधीशों का रोस्टर सार्वजनिक कर दिया था।

लागू रोस्टर के मुताबिक जनहित याचिकाएं, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं सहित 12 श्रेणियों के केस मुख्य न्यायाधीश के पास हैं, जिसमें जनहित याचिकाएं सिर्फ मुख्य न्यायाधीश के ही पास हैं। बाकी श्रेणियां अन्य न्यायाधीशों के पास भी हैं। ऐसे में देखना होगा कि नए मुख्य न्यायाधीश के आने के बाद रोस्टर में क्या बदलाव होता है।’ लोगों को होने वाले सीजेआइ से हैं बड़ी अपेक्षाएं 1’ दिसंबर तक बदल जाएगी कोलेजियम की पूरी शक्ल

Please follow and like us:
Pin Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *