Real Estate: Amarpali Fraud

Housing Indian Law

07/09/2018

NBCC seeks ₹850cr to finish projects

AMRAPALI CASE: Be Reasonable, Says SC

New Delhi:

The Supreme Court on Thursday asked National Buildings Construction Corporation to be reasonable while raising demand for completing Amrapali’s housing projects after it pegged its charge at around Rs 850 crore which is 10% of the cost of construction.

With homebuyers raising objection to the “exorbitant” amount charged by the PSU, a bench of Justices Arun Mishra and U U Lalit asked NBCC chairman Anoop Mittal, who was present in the court, to be reasonable.

“We repose faith and trust NBCC to finish the project as it is a PSU and making profit is not motive for it. Let the NBCC not take it (completing Amrapali’s housing projects) as profit venture. There are more than 43,000 homebuyers involved and they will be thankful to you for completing the projects. Lessen your margin and be reasonable,” the bench said.

The court said that it intended to realise the dream of homebuyers to get possession of their homes and the PSU should undertake the projects with the same spirit. The court, however, assured the company that it would not suffer any financial loss and it would be properly compensated for competing the projects.

NBCC in its proposal assured SC to complete the construction of 46,575 flats in 19 projects in Noida and Gr Noida.

 

Where did ₹800 crore vanish, SC asks Amrapali chairman

New Delhi:

The Supreme Court on Thursday quizzed Amrapali group chairman Anil Sharma for failing to detail his personal assets and those of family members and asked him to explain a Rs 800-crore ‘gap’. Sharma recently showed he owned properties worth just Rs 67 crore, while he had declared assets of Rs 847 crore in a 2014 election affidavit.

‘आम्रपाली की 16 प्रॉपर्टी होंगी नीलाम, फॉरेंसिक ऑडिट भी होगा’

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

नई दिल्ली|आम्रपाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए ग्रुप की 16 प्रॉपर्टी नीलाम करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि ग्रुप की सभी 46 कंपनियों और उनके सभी निदेशकों की सम्पति का फोरेंसिक ऑडिट होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा को चार दिनों में अपनी सम्पत्तियों का ब्यौरा हलफनामे में देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अनिल शर्मा से ये भी पूछा, ‘2014 में चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामे में 867 करोड़ की बताई गई सम्पत्ति 2018 में 67 करोड़ कैसे हो गई? कोर्ट से जानकारी क्यो छिपाई?’ 

 

05/09/2018

रियल एस्टेट में आम्रपाली जैसा फ्रॉड नहीं देखा, 100 को जेल भेजना पड़ा तो भेजेंगे

ग्राहकों के हित में सुप्रीम कोर्ट और उपभोक्ता आयोग के दो बड़े फैसले

जज बोले-कोर्ट हर पहलू देख रहा है, पैसा कहीं भी गया हो, हम इसे निकाल ही लेंगे

भास्कर न्यूज | नई दिल्ली

42 हजार खरीदारों को फ्लैट देने में नाकाम आम्रपाली ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत बड़ा फ्रॉड है। रियल एस्टेट में हमने पहले कभी ऐसा नहीं देखा। अगर 100 लोग भी जेल भेजने पड़े तो हम भेजेंगे। एक भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। आम्रपाली ग्रुप के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) ने कोर्ट के समक्ष हामी भर ली है। लेकिन इसमें वह पैसा खर्च नहीं करेगा। एनबीसीसी की ओर से एडिशनल सॉलीसिटर जनरल पिंकी आनंद ने जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की बेंच को बताया कि सभी प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए 8500 करोड़ की जरूरत पड़ेगी। जस्टिस मिश्रा ने आम्रपाली ग्रुप के वकील से पूछा कि क्या आप सारी संपत्तियां एनबीसीसी को सौंप सकते हैं? इस पर उन्होंने बेचने वाली संपत्तियों की जानकारी दी।

यूनिटेक को खरीदार को लौटाने होंगे 42 लाख, मुआवजा देना होगा

नई दिल्ली|रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक को एक घर खरीदार घर की डिलीवरी में 7 साल की देरी पर 6 हफ्तों के भीतर 42.58 लाख रुपए लौटाने होंगे। साथ ही सालाना 12% की दर से ब्याज भी देना होगा। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने यह आदेश दिया है। आयोग की प्रिसाइडिंग मेंबर जस्टिस दीपा शर्मा ने यूनिटेक को 10,000 रुपए बतौर मुकदमा खर्च भी कपूर को अदा करने को कहा है।

– जस्टिस अरुण मिश्रा व जस्टिस यूयू ललित, सुप्रीम कोर्ट

आम्रपाली ग्रुप के सभी निदेशकों की संपत्ति और खातों का फॉरेंसिक ऑडिट होगा

जस्टिस मिश्रा ने कहा कि आम्रपाली ग्रुप ने खरीदारों के 2700 करोड़ रुपए डायवर्ट किए थे। कोर्ट हर पहलू देख रहा है। पैसा कहीं भी गया हो, हम निकाल ही लेंगे। कंपनी की सभी संपत्तियों व खातों का फॉरेंसिक ऑडिट कराना होगा। इसके लिए बैंक आफ बड़ौदा और एएसजी पिंकी आनंद से तीन स्वतंत्र ऑडिटर्स के नाम मांगे गए हैं।

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