आदेश
छात्र को 12 साल बाद पढ़ने का हक मिला
पक्ष रखने का मौका नहीं दिया
छात्र को 11 फरवरी 2011 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन जवाब दाखिल करने से पहले ही उसे 12 फरवरी 2011 को निष्काषित कर दिया गया। इस तरह छात्र को अपना पक्ष रखने के लिए 24 घंटे का समय भी नहीं दिया गया। इस तरह के मामले में कानूनन एक महीने से ज्यादा का समय बनता था।
रैगिंग के आरोप में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने निष्कासित कर दिया था
नई दिल्ली। रैगिंग के आरोप में निष्कासित छात्र को 12 साल कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद इंसाफ मिला है। उच्च न्यायालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कृत्य को तत्कालीन छात्र के प्रति गैरकानूनी करार दिया। साथ ही, आदेश दिया कि संस्थान छात्र को उसका कोर्स यानी एमसीए पूरा करने के लिए उचित कदम उठाए।
न्यायमूर्ति सी हरीशंकर की पीठ ने छात्र की याचिका को न्यायसंगत मानते हुए कहा कि जेएनूय ने प्राकृतिक न्याय और निष्पक्ष प्रणाली के सिद्धांतों का मजाक उड़ाया है। जेएनयू प्रशासन ने पहले से तय मंशा से छात्र के खिलाफ कार्रवाई की। इससे छात्र मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) का कोर्स भी पूरा नहीं कर पाया। पीठ ने जेएनयू को कहा कि छात्र को अपना पाठ्यक्रम पूरा करने की अनुमति दी जाए। इसके अतिरिक्त उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है, क्योंकि चाहकर भी पीठ छात्र के बर्बाद हुए समय की भरपाई नहीं कर सकता। हालांकि, जेएनयू प्रशासन का रवैया वाकई चिंताजनक है। एक छात्र को पक्ष या सफाई देने का मौका दिए बगैर निष्काषित करना पूरी तरह गैरकानूनी है।
आपत्तिजनक वीडियो के आधार पर की थी कार्रवाई जेएनयू प्रशासन ने छात्र के लैपटॉप में आपत्तिजनक वीडियो होने का आरोप लगाया था। यह घटना वर्ष 2011 की है। छात्र पर रैंगिग के आरोप लगाते हुए कहा गया था कि उसने कुछ फोटोग्राफ अपने लैपटॉप में रखे हैं, जोकि आपत्तिजनक हैं। इसी आधार पर छात्र को 24 घंटे के भीतर हॉस्टल खाली करने, कोर्स से निष्काषित करने, अन्य विद्यार्थियों को शरण न देने की सख्त हिदायत दी गई थी।
अब दो साल का हो गया पाठ्यक्रम इस मामले में पिछले एक दशक में बड़ा बदलाव हुआ है। वर्ष 2011 में याचिकाकर्ता एमसीए के द्वितीय वर्ष का छात्र था। उस समय एमसीए में तीन वर्ष का पाठ्यक्रम होता था। अब यही पाठ्यक्रम जेएनूय में दो वर्ष का हो गया है। कोर्ट ने कहा कि जेएनयू प्रशासन अपने स्तर पर छात्र को सर्वोत्तम तरीके से कोर्स पूरा करने की व्यवस्था करे।