बॉम्बे हाई कोर्ट : एक महिला को पता होता है कि पुरुष उसे किस मंशा से देख और छू रहा है
मुंबई | दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ी एयर विस्तारा की फ्लाइट में अभिनेत्री से छेड़छाड़ के मामले में बाम्बे हाई कार्ट ने कहा है कि एक महिला को पता भले ही कम हो, लेकिन उसे समझ सब आता है। यह एक प्राकृतिक उपहार है… छूना… देखना…। एक पुरुष को यह समझ नहीं आता, लेकिन महिला उसके पीछे की मंशा समझ जाती है। सुनवाई 10 िदसंबर 2017 से जुड़े घटनाक्रम की थी। नाबालिग अभिनेत्री ने लगाया था कि िबजनेस क्लास में सफर करते हुए पीछे बैठे 41 वर्षीय काराेबारी विकास सचदेव ने छेड़छाड़ की मंशा से अपने पैर उनकी सीट के हैंड रेस्ट पर रखे थे। कोर्ट ने जनवरी में विकास को धारा 354 व पॉक्सो एक्ट में दोषी ठहराया था और तीन साल की सजा सुनाई थी। विकास ने हाई कार्ट में अपील की है। पेश है कार्ट में सवाल-जवाब:
हाई कार्ट ने कहा- महिलाओ के पास पुरुषो की “नजर” पहचानने का प्राकृतिक उपहार होता है
अनिकेत निकम (वकास के वकील): मेरे मुवक्किल को गलत दोषी ठहराया है। उनके पैर पीड़िता को लगे थे। यह गलती हो सकती है। उत्पीड़न की मंशा नहीं थी।
जस्टिस चव्हाण: सिर्फ पीड़िता ही व्यक्ति की मंशा के बारे में बता सकती है। आरोपी कभी नहीं मानेगा कि उसने गलत मंशा से छुआ था। िवकास ‘बिजनेस क्लास’ में यात्रा कर रहे थे।
दिल्ली दंगा
आरोपी को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा