नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। उच्च न्यायालय ने आरोपी को भगोड़ा घोषित करने और उसकी संपत्ति कुर्की-जब्ती से संबंधित कार्यवाही के मामलों में नव नियुक्त न्यायाधीशों को संवेदनशील बनने की सलाह दी है। न्यायालय ने दिल्ली न्यायिक सेवा के न्यायिक अधिकारियों (न्यायाधीशों) को अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 और 83 की कार्यवाही के तहत संवेदनशील बनाने के लिए दिल्ली न्यायिक अकादमी में एक कार्यशाला आयोजित करने को कहा है।
सीआरपीसी की धारा 82 के तहत आरोपी को भगोड़ा घोषित किया जाता है जबकि 83 के तहत उसकी संपत्ति की कुर्की जब्ती का आदेश दिया जाता है। जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने द्वारका कोर्ट स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान आदेश दिया। मजिस्ट्रेट ने याचिकाकर्ता विवेक चौहान को पेशी से छूट देने की अर्जी खारिज करते हुए उसके धारा 82 के तहत कार्यवाही करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने कहा कि तथ्यों से लगता है कि आदेश पारित करने में अनियमितता की गई थी। संबंधित न्यायिक अधिकारी मामले में धारा 82 के तहत कार्यवाही शुरू करने के प्रावधानों से पूरी तरह अनभिज्ञ थे। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को भगोड़ा घोषित करने के लिए पारित निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया।